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विश्वविद्यालय में कुलगुरु के लिए किया गया सद्बुद्धि यज्ञ

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में NSUI ने कुलगुरु अविनाश तिवारी के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया, इस दौरान विश्वविद्यालय सुरक्षा गार्डों और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई। दरअसल जीवाजी विश्विद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर ...

Vikas Gupta

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विश्वविद्यालय में कुलगुरु के लिए किया गया सद्बुद्धि यज्ञ

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में NSUI ने कुलगुरु अविनाश तिवारी के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया, इस दौरान विश्वविद्यालय सुरक्षा गार्डों और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई।

दरअसल जीवाजी विश्विद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी सहित 19 प्रोफेसर्स के खिलाफ EOW ने FIR दर्ज की है। झुंडपुरा स्थित शिव शक्ति कॉलेज संबद्धता फर्जीवाड़े में यह FIR दर्ज की गई है,NSUI कुलगुरु सहित अन्य प्रोफेसर्स के खिलाफ बर्खास्तगी की मांग के लिये प्रदर्शन कर रही है,इसी कड़ी में जीवाजी विश्वविद्यालय एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक के बाहर NSUI प्रदेश महासचिव वंश माहेश्वरी के नेतृत्व में कुलगुरु सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमें एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने वैदिक मंत्रोचार के साथ यज्ञ में आहुति दी, इस दौरान जानकारी लगते ही मौके पर पहुंच विश्वविद्यालय सुरक्षा गार्डों ने यज्ञ को बुझाने के साथ कार्यकर्ताओं को खदेड़ने की कोशिश की,जिसके चलते एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और सुरक्षा गार्डों के बीच तीखी झड़प हो गई। मौके पर पुलिस को भी बुलाया गया लेकिन तब तक एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन बतौर यज्ञ को पूरा किया और रवाना हो गए। एनएसयूआई प्रदेश महासचिव वंश माहेश्वरी का कहना है कि कुलगुरु को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए साथ ही विश्वविद्यालय में तत्काल धारा 52 लागू होनी चाहिए।

RNVLive

आपको बतादें कि मुरैना जिले के झुंडपुरा गांव में फर्जी कॉलेज को मान्यता देने का खुलासा होने के बाद EOW ने कुलगुरु सहित 19 प्रोफेसर्स पर FIR दर्ज़ की है। इन सभी पर धोखाधड़ी, शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है। EOW में केस दर्ज होने के बाद कुलगुरु डॉ अविनाश तिवारी ने भोपाल राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस दौरान राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कुलगुरु डॉ अविनाश तिवारी पर नाराज़गी जताई थी। EOW में केस दर्ज होने राज्यपाल की नाराजगी के बाद अब कुलगुरु डॉ अविनाश शर्मा किसी भी वक्त हटाये जा सकते हैं। संभावना है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी में कुलगुरु के इस्तीफे या बर्खास्तगी के साथ जल्द धारा 52 लग सकती है।

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