मध्य प्रदेश में सरपंचों के विरुद्ध अब अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के लिएसरकार पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर नया प्रावधान करने जा रही है.मिली जानकारी के अनुसारसरपंचों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के इस प्रावधान के लिएपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक अध्यादेश लाई जाएगा.इस अध्यादेश के माध्यम से यह व्यवस्था बनाई जाएगी की तीन चौथाई पांच के हस्ताक्षरहोने पर ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सरपंच का कार्यकाल 3 वर्ष पूरा होने के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जासकेगा.
गौर तलब है किमध्य प्रदेश में अभी नगरी निकायों के अध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने का प्रावधान बनाया गया था.जिसमें पहले नियम था कि 2 वर्ष की अवधि पूरी होने के पश्चात दो तिहाई पार्षदों के समर्थन से प्रस्ताव लाकर के अध्यक्ष के खिलाफ यह कार्रवाई की जाती थी.लेकिन मौजूदा सरकार के द्वारा इसे बढ़ाकर के 3 वर्ष कर दिया गया है और तीन चौथाई पार्षदों का समर्थन अनिवार्य कर दिया गया है.वहीं इसी व्यवस्था की मांग बीते कई वर्षों से कई संगठनों के द्वारा सरकार से की जा रही थी.बीते दिनों पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के द्वारा संगठनों की प्रतिनिधियों के साथ इस मामले में बैठक करने के बाद में सहमति भी जताई गई है. विभाग के द्वारा अधिनियम में संशोधन की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है.
वहीं उक्त मामले में विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि विधानसभा का भी कोई सत्र नहीं है इसलिए अध्यादेश के माध्यम से यह संसोधन किया जाएगा.उक्त मामले का प्रस्तुत प्रारूप तैयार करके वरिष्ठ सचिव की समिति में भेजा जाएगाऔर फिर विधि एवं विधायी विभाग से परिमार्जित कराकर अंतिम निर्णय के लिए अगले माह तक कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।