मध्य प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उस वक्त फफक फफक कर रो पड़े जब उनके बड़े भाई देवेंद्र सिंह तोमर की अंतिम यात्रा निकाली जा रही थी। प्रद्युम्न सिंह के लिए उनके बड़े भाई सब कुछ थे। चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाना हो या संबंधों के जरिए प्रद्युम्न सिंह तोमर को लोकप्रियता के शिखर तक पहुंचाना हो या फिर परिवार को एकजुट रखना हो यह सभी कार्य बड़े देवेंद्र तोमर के जिम्मे थे और वे अपनी इस जिम्मेदारी को जिंदगी भर बखूबी निभाते रहे। उनकी शवयात्रा में श्रद्धांजलि देने पहुँची हजारों की भीड़ ने शोक संतप्त होकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
जैसे ही अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल होने पहुंचे…. ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर उनके गले लगकर फूंट फूंट कर रोने लगे। सिंधिया ने इस दौरान उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और भगवान सिंह यादव सहित पार्टी और विपक्ष के नेता शामिल हुए। अंतिम यात्रा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के बिरला नगर आवास से पुरानी छावनी निजी कृषि फॉर्म साडा रोड तक निकली। जिसमे हजारो की संख्या में लोग शामिल हुए। देर शाम उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा ये मेरी बहुत बड़ी क्षति हुई है। 40 साल पुराना हमारा संबध है, दिल आज बहुत भारी है। ईश्वर प्रद्युम्न और उनके परिवार को सहन करने की शाक्ति दे,कोई 61 साल की उम्र जाता है, क्या जैसे देवेंद्र चले गए है। आपको बता दें कि रविवार को ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल से हैदराबाद के लिए देवेंद्र तोमर को रैफर किया गया था। लेकिन रास्ते मे ही गंभीर हालत होने पर देवेंद्र सिंह तोमर की एयर एम्बुलेंस की भोपाल में इमर्जेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल में देवेंद्र तोमर का निधन हो गया था। ऊर्जा मंत्री के बड़े भाई देवेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और चुनाव के कुशल रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान रखते थे।