बकाया बिजली बिल वसूलने के लिए बिजली विभाग ने बैंकों की तरह जिला प्रशासन को जिम्मा सौंप दिया है। बिजली विभाग कनेक्शन काटेगा और इन बड़े बकायादारों से तहसीलदार बिल की वसूली कराएंगे। कांग्रेस ने इस नए प्लान पर निशाना साधते हुए कहा कि BJP सरकार और बिजली विभाग अब गुंडागर्दी पर उतारू हो गए हैं।
बकायेदारों से विद्युत बिल वसूल करने के लिए बिजली अब विभाग नया पेंतरा अपनाने जा रहा है। बिजली विभाग अब एक लाख रुपए से ज्यादा के बिजली बिल वाले बड़े बकायादारों के कनेक्शन काटेगा। इसके बाद इन उपभोक्ताओं से बिल वसूलने का काम जिला प्रशासन करेगा। राजस्व विभाग के तहसीलदार बड़े बकायादारों से वसुली के लिए बकायादारों की संपत्ति कुर्क कराएंगे। ऊर्जामंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर का कहना है कि MP में हम सस्ती और बिजली उपलब्ध करवा रहें हैं, लिहाज़ा बिजली बिल भरना भी लोगों की जिम्मेदारी है, बिजली विभाग वसूली के लिए अपने प्लान तैयार करता है, बकायादारों को भी सहयोग करना चाहिए।
गौरतलब है कि ग्वालियर में उपभोक्ताओं पर 1250 करोड़ रुपए की बिजली बिल राशि बकाया है। वसूली के लिए बिजली विभाग ने निजी गार्डों को वसूली टीम के साथ तैनात किए थे, लेकिन ये प्लान फेल हो गया।
उसके बाद बिजली विभाग ने बड़े बकायादारों को नोटिस जारी कर उनके नाम सार्वजनिक रूप से चौराहे पर बोर्ड लगाकर टांग दिए इसके बाद भी बिजली बकाया राशि की वसूली नहीं हो पाई। आखिर में अब बिजली बिल की वसूली बैंकों की तरह प्रशासन के जिम्मे कर दी गई। लिहाज़ा एक लाख से ज्यादा के बिजली बिल की वसूली अब तहसीलदार कराएंगे। तहसीलदार उन बड़े बकायादारों की संपत्ति कुर्क कराएंगे। कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री और उनका बिजली विभाग गुंडागर्दी करने पर आमदा है। जब चुनाव का वक्त आता है तो जनता को बिजली सस्ती देने और बिल माफ करने का झांसा देते हैं। चुनाव जीतने के बाद फिर ऊर्जा मंत्री वसूली के लिए विभाग से गुंडागर्दी करवाते हैं।
ऊर्जा मंत्री के गृह जिले में बिजली विभाग को बकाया एक हज़ार करोड़ से ज्यादा की वसूली के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ रही है। उपभोक्ताओं को नोटिस और फिर उनके नाम चौराहा पर सार्वजनिक करने के बाद फायदा नही मिला, अब नए पैंतरे के तौर पर वसूली का जिम्मा जिला प्रशासन और तहसीलदार को दिया गया है। देखना यही है कि अब ये पैंतरा बिजली विभाग की वसूली कराने में कितना कारगर साबित होता है।