मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है…लेकिन ग्वालियर-चंबल के हालात बहुत बुरे हो चुके हैं। यानि कि ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में इन दिनों अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और ऑपरेशन लेकर MRI तक के नंबर की वेटिंग में मिल रहे है। मसलन अगर मरीज को अपना एमआरआई, अलट्रासाउंड, एक्सरा या हड्डी का ऑपरेशन कराना है, तो उसका नंबर एक से 2 महीने बाद में आएगा। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं हाल क्या आप अंदाज लगा सकते है…।
अगर आपको डॉक्टर MRI ( मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग) कराने की सलाह दे रहे हैं…. तो ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े सरकारी जयारोग्य अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। एमआरआई कराने वाले मरीजों के लिए 21 जनवरी तक की वेटिंग मिल रही है। इस हिसाब से मरीज को अभी MRI के लिए 64 दिन का इंतजार करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में मरीजों को अक्सर निजी संस्थाओं में जाकर ही जांच कराना पड़ती है। अपनी बेटी की एमआरआई करने आई भारती शाक्या को 25 जनवरी की डेट मिला है। भिंड से बेटी की MRI कराने आए रघुवीर सिंह को भी 25 जनवरी की डेट मिली है। वहीं रीना का MRI के लिए आज 47 दिन बाद नंबर आया है।
ग्वालियर-चंबल संभाग से MRI कराने के लिए लोग आते हैं, जिसमें जेएएच में ओपीडी के साथ भर्ती मरीजों की जांच कराने वालों की संख्या ज्यादा रहती है। यहां डॉक्टर हर दिन चालीस से ज्यादा मरीजों को MRI कराने के लिए लिख रहे हैं, लेकिन वेटिंग के चलते अब कई मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सुपर स्पशलिटी में दिन में लगभग 20 से 25 MRI हो पा रही हैं। MRI कराने के लिए जेएएच में आने वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। यहां गंभीर मरीजों को तो डॉक्टर खुद ही पर्चे पर एमआरआई के लिए रैफर करके भेजते हैं।
ग्वालियर का जयारोग्य अस्पताल मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में शुमार है… ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लाख दावे किये जा रहे हो। लेकिन उन दावों की हकीकत सिर्फ कागजी फाइलों और जुबानी आकंड़ो तक ही सीमित है। क्योंकि प्रदेश में एक ओर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ रहीं है, वहीँ मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे है। यह स्थिति चिंताजनक भी है और शर्मनाक भी…।