जिला मुख्यालय उमरिया के रेलवे स्टेशन परिसर में 11 नवंबर की रात 11:00 के आसपास पार्किंग व्यवस्था संभाल रहे जितेंद्र श्रीवास्तव निवासी खलेसर का कुछ लोगों से विवाद हो गया।विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते कुछ युवकों ने मिलकर के जितेंद्र श्रीवास्तव के साथ जमकर मारपीट कर दी। उक्त मामले में जितेंद्र श्रीवास्तव का बाया कंधा भी फैक्चर हो गया है।
यात्रियों से भरा हुआ था स्टेशन परिसर
जब यह मारपीट स्टेशन परिसर के सामने हो रही थी उसी समय सारनाथ एक्सप्रेस का आने का समय हो चुका था। यात्रा करने के लिए पहुंचे यात्री और उनके परिजन इस घटना को देखकर सहमे हुए थे। घटना पार्किंग शुल्क वसूलने को लेकर हुई है या वाहन को उचित स्थान पर खड़ा करने को लेकर हुई है यह जांच का विषय है।
गलत जगह पर आरोपियों ने की थी पार्किंग
घटना की जानकारी देते हुए जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया बिलासपुर रेलवे जीएम का उमरिया दौरा हुआ था। रेलवे के अधिकारियों से आदेश प्राप्त हुए थे की रेलवे स्टेशन के ठीक सामने यात्रियों के वाहनों को न खड़ा होने दिया जाए। कुछ युवा अपने कार में स्टेशन के सामने आकर खड़े हुए थे। जिन्हें मेरे द्वारा मना किया गया। लेकिन वह मनमानी पर उतर आए और देखते ही देखे मेरा उनके साथ विवाद हो गया।
GRP पुलिस करती रह गई विवेचना
उक्त मामले की शिकायत है पीड़ित पक्ष के द्वारा जीआरपी पुलिस को दी गई है। जीआरपी पुलिस 12 नवंबर की सुबह से घटना की जांच में लगी हुई है और निष्कर्ष में नहीं पहुंच पाई है। उक्त मामले की जानकारी जब जीआरपी थाना प्रभारी RM झारिया शहडोल से ली गई तो उन्होंने कहा कि मामले की विवेचना जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि जीआरपी पुलिस के अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है। जीआरपी पुलिस के पास सिर्फ स्टेशन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा है। स्टेशन परिसर के सामने के एरिया सहित कॉलोनी का जिम्मा सिटी पुलिस के पास होता है। हालांकि यह बात समझ के परे है कि जब रेलवे विभाग रेलवे स्टेशन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा नहीं लेता है तो रेलवे स्टेशन परिसर में पार्किंग शुल्क लेने का कोई औचित्य ही नहीं उठता।
कोतवाली टीआई ने मामले में दिखाई गंभीरता
हालांकि जब इस मामले को लेकर के हमने कोतवाली थाना प्रभारी बालेन्द्र शर्मा से संपर्क किया और उनसे मामले में अपडेट हमने जानने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा बीते 5 दिनों से जीआरपी पुलिस मामले की जांच कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि जीआरपी पुलिस मामले में टालमटोल कर रही है। उक्त मामले में अब कोतवाली उमरिया में ही मामला पंजीबद्ध करके विवेचना में लिया गया है। सवाल इस बात का है कि रेलवे विभाग के द्वारा जब पार्किंग कर वसूलने के लिए किसी व्यक्ति को अधिकृत किया गया है तो उसकी सुरक्षा का जिम्मा उनके पास क्यों नहीं है।
4 आरोपियों पर मामला दर्ज
उमरिया पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित जितेंद्र श्रीवास्तव पिता स्वर्गीय रावेंद्र श्रीवास्तव उम्र 45 निवासी खलेसर उमरिया की सूचना के आधार पर आयुष अवस्थी, ऋषभ सिंह निवासी धावड़ा कॉलोनी, लकी सिंह निवासी सलैया, मनोज जवारकर निवासी चपहा के खिलाफ अपराध क्रमांक 579/202 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 296,115(2),351(3),3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पूरे मामले की विवेचना सहायक उपनिरीक्षक अमर बहादुर सिंह के द्वारा की जा रही है।
उमरिया स्टेशन में सुरक्षा व्यवस्था है शून्य
रेलवे स्टेशन परिसर की सुरक्षा का सीमा जीआरपी पुलिस के पास होता है। लेकिन जानकारी यह मिल रही है कि उमरिया रेलवे स्टेशन में सिर्फ एक जीआरपी पुलिस का जवान तैनात किया गया है।उमरिया जिला बने हुए दो दशक गुजर चुके हैं। लेकिन आज तक उमरिया रेलवे स्टेशन में जीआरपी पुलिस की चौकी नहीं बन पाई है। यही कारण है कि ऐसी घटनाएं उमरिया रेलवे स्टेशन में घटित हो रही हैं। इसी मामले में जब जीआरपी थाना प्रभारी शहडोल RM झारिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आज तक उमरिया नगर के नागरिकों के द्वारा इस मामले की मांग ही नहीं की गई है। निश्चित रूप से जिस तरीके से उमरिया जिले का विकास हो रहा है। उमरिया रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो रहा है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन शून्य है। क्या रेलवे विभाग उमरिया जिला वासियों की मांग का इंतजार कर रहा है या सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त संख्या में जीआरपी बाल को तैनात करके जिला मुख्यालय उमरिया के रेलवे स्टेशन में GRP थाना बनाना चाहिए।