परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस मामले में हर दिन नए-नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं,ताजा मामला सौरभ शर्मा के लिए ग्वालियर के तत्कालीन सीएमएचओ द्वारा लिखे गए लेटर का सामने आया है, जिसमें सौरभ के लिए योग्यता अनुसार तृतीय श्रेणी पद पर कोई पद रिक्त ना होने की बात स्वास्थ्य आयुक्त मध्यप्रदेश को बताई गई है।
सौरभ शर्मा केस में लोकायुक्त के बाद IT और ED भी जांच कर रही है, इस बीच साल 2016 में पदस्थ ग्वालियर के तत्कालीन सीएमएचओ का एक पत्र सामने आया है जिसमें सीएमएचओ द्वारा सौरभ शर्मा के पिता स्वर्गीय डॉ आरके शर्मा की मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति किए जाने का जिक्र किया, साथ ही इस पत्र के जरिए स्वास्थ्य आयुक्त मध्यप्रदेश को यह भी बताया गया कि तृतीय श्रेणी पद पर योग्यता अनुसार सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी है लेकिन वर्तमान में जिले में अनुकंपा नियुक्ति के लिए कोई भी पद खाली नहीं है। इस मामले में लोकायुक्त में शिकायत करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट संकेत साहू ने तत्कालीन सीएमएचओ के साथ ही परिवहन आयुक्त की जांच की मांग जांच एजेंसियों से की है।
साल 2016 के तत्कालीन ग्वालियर सीएमएचओ द्वारा लिखे गये पत्र और उसमें पद खाली न होने की बात का जिक्र करने पर मध्य प्रदेश संविदा एवं आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई है, कोमल सिंह का कहना है कि बीते 7 से 8 सालों से वह लगातार प्रदेश सरकार से स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े हुए पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग में लाखों पद खाली होने के चलते वह संविदा एवं आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित करने के लिए प्रदेश लेवल पर कई बड़े धरने प्रदर्शन भी कर चुके हैं सरकार के द्वारा भी उन्हें महापंचायत के जरिए भर्ती से जुड़े हुए आश्वासन भी दिए गए हैं,ऐसे में तत्कालीन सीएमएचओ द्वारा पद खाली न होने की बात का जिक्र करना बहुत ही हैरान करने वाला विषय है।
आपको बता दे कि तत्कालीन सीएमएचओ के लिखे गए लेटर के बाद ग्वालियर के तत्कालीन कलेक्टर ने भी सौरभ शर्मा के लिए स्वास्थ्य विभाग में पद खाली न होने पर परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी जाने की प्रक्रिया से जुड़ा पत्र परिवहन आयुक्त को लिखा था।