कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने 11-12 नवम्बर देवउठनी एकादशी के पश्चात बाल विवाह की अत्याधिक संभावना को दृष्टिगत रखते हुये वैवाहिक अवसरों पर विशेष रूप से विवाह पर निगरानी रखने हेतु एक अभियान के तौर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु कार्यवाही करने के निर्देष दिए है।
उन्होने कहा है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा प्रत्येक ग्राम, वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना तंत्र का गठन अनुविभागीय अधिकारी की निगरानी में किया जावे। सूचना तंत्र में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष , समन्वय , सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम, वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं।
सूचना तंत्र ग्राम, वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगें तथा बाल विवाह होने पर जिला कन्ट्रोल रूप फोन नं0 07653-292939 अथवा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, तहसीलदार) को तत्काल सूचित करेंगें।
जिला स्थित कन्ट्रोल रूम में सूचना प्राप्त होने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी का सूचित किया जावेगा। जिसमें संबंधित अधिकारी तत्काल कार्यवाही करेंगें। उन्होने कहा कि सभी अनुविभागीय अधिकारी, विकासखण्ड स्तर पर एक उडनदस्ता दल का गठन 8 नवंबर तक अनिवार्य रूप से करें। उडनदस्ता दल अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगें तथा सुनिश्चित करेंगें कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नही किया जा रहा है।
भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होता पाया जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अन्तर्गत कार्यवाही करेंगें। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।