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ग्वालियर बना अपराध का गढ़ एक माह में 7 हत्या सहित दर्जन से ज्यादा गंभीर अपराध

बीते कुछ महीनों से ग्वालियर शहर अपराध का ग़ढ़ बनता जा रहा है। महीने भर में 7 हत्या, एक दर्जन से ज्यादा लूट और फायरिंग की घटनाएं हुई। कनाडा में बैठे बदमाशों ने भी ग्वालियर ...

Vikas Gupta

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ग्वालियर बना अपराध का गढ़ एक माह में 7 हत्या सहित दर्जन से ज्यादा गंभीर अपराध

बीते कुछ महीनों से ग्वालियर शहर अपराध का ग़ढ़ बनता जा रहा है। महीने भर में 7 हत्या, एक दर्जन से ज्यादा लूट और फायरिंग की घटनाएं हुई। कनाडा में बैठे बदमाशों ने भी ग्वालियर में कांट्रेक्ट किलिग करवा दी। Up के राज्यमंत्री के काफिले पर भीड़ ने हमला कर दिया। इन घटनाओं से लगता है कि बदमाशों में ग्वालियर पुलिस का खोफ खत्म हो गया है। हालांकि बढ़ते अपराध के पीछे पुलिस की कई कमजोरियां भी जिम्मेदार हैं। अधिकांश जगहों पर सीसीटीवी कैमरे बंद होना, पुलिस का मुखबिर तंत्र फेल होना और अनुभवी अफसरों की कमी सहित कई खामियां है।

ग्वालियर में बीते कुछ महीनो से अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। सरेआम हत्या लूट और फायरिंग की घटनाएं ग्वालियर में अब आम हो गई है। इन परिस्थितियों को देखकर लगता है कि अपराधियों में ग्वालियर पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। लिए बीते दिनों ग्वालियर में हुए कुछ बड़े अपराधों पर एक नजर डालते हैं।

16 अक्टूबर- गार्डन होम सोसाइटी में मां बेटी की हत्या

17 अक्टूबर- आंतरी में राजेश माहौर नाम के व्यक्ति की गला दबाकर हत्या।

21 अक्टूबर- हिस्ट्रीशीटर इरफान खान की हत्या हुई

07 नवंबर – डबरा में जसवंत सरदार की कनाडा से सुपारी देकर हत्या कराई गई। हत्या के बाद बदमाश भाग निकले।

10 नवंबर – बेलगढ़ा थाना क्षेत्र में 68 साल की महिला की हत्या। आरोपी का सुराग नही

11 नवंबर- प्रॉपर्टी डीलर सुनील गुर्जर की गोली मारकर हत्या। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गए

इनके अलावा डेढ़ दर्जन से ज्यादा फायरिंग और लूट की घटनाएं हुई

बढ़ते अपराधों की चलती अब लोगों में भी ख़ौफ़ का माहौल है। लोगों का कहना है कि अपराधियों में ना तो पुलिस का डर है ना ही पुलिस की ताकत पहले जैसी बची है।

शहर में सुरक्षा के लिए लगे स्मार्टसिटी और पुलिस के अधिकांश CCTV बंद पड़े है कई महत्वपूर्ण जगहों पर CCTV ही नही है, जिसके चलते वारदात के फौरन बाद पुलिस आरोपियों की घेराबंदी में नाकाम होती है। जिससे अपराधी वारदात कर आसानी निकल जाते हैं। पिछले दिनों हत्या, लूट और 7 फायरिंग की घटना के बाद भागे बदमाशों को पुलिस नाकेबंदी कर गिरफ्तार नही कर पाई।

पुलिस की कमजोरियों पर गौर करें तो..

  • CCTV कैमरों की कमी
  • ग्वालियर का इंटेलिजेंस हुआ फेल
  • ग्वालियर पुलिस का मुखबिर तंत्र हुआ कमजोर
  • ग्वालियर में अनुभवी थाना प्रभारी और एक्सपर्ट क्राइम अफसर की कमी
  • अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी देने से कतरातें हैं लोग

भारतीय अपराधों से निपटने के लिए अब ग्वालियर रेंज के आईजी ने भी एक बैठक ली। जिसमें अपराधियों पर नकेल कसने के लिए विस्तृत रणनीति बनाई गई। आईजी का कहना है कि पुलिस संसाधनों को बढ़ाने की कवायद के साथ ही वारदात के स्थान को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि वारदात के पहले संदिग्धों को और वारदात के बाद भागने वाले बदमाशों को नाकेबंदी कर पकड़ा जा सके।

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