मुरैना जिले के झुंड पुरा में 14 सालों से संचालित फर्जी कॉलेज मामले में ग्वालियर चम्बल संभाग सबसे बड़ी की नैक A++ जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत 2 कुलपतियों और 18 प्रोफ़ेसरों पर EOW ने FIR दर्ज की है। यह FIR 14 सालों से शिवशक्ति कॉलेज का निरीक्षण करने वाले उन आरोपी प्रोफेसरों के खिलाफ हुई है जिन्होंने झुंडपुरा जाकर शिवशक्ति कॉलेज का निरीक्षण किया था और अपनी रिपोर्ट में लगाभग 9 हजार वर्ग फीट एरिए में कॉलेज की बिल्डिंग संचालित होना बताया था। यही नहीं इस कॉलेज में 14 सालों से छात्रों की छात्रवृत्ति भी निकाली जा रही थी। कॉलेज संचालक ने फर्जी रूप से यहां एक प्रिंसिपल की नियुक्ति भी की थी लेकिन इस बात का खुलासा तब हुआ उस कथित प्रिंसिपल ने ही कॉलेज और जीवाजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया। जब हमारे संवाददाता जीवाजी यूनिवर्सिटी पहुँचे तो निरीक्षण करने वाले दागी प्रोफेसर मौके से भागते नजर आए।
वैसे तो ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी अपने भ्रष्टाचार को लेकर अक्सर विवादों में रहती है। लेकिन इस बार यहाँ के 18 प्रोफेसर और दो कुलपति भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं। शिवशक्ति कॉलेज के कथित प्रिंसिपल और फरियादी अरुण शर्मा द्वारा काफी लम्बे समय से इस फर्जी कॉलेज की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों और शासन प्रशासन और राज्यपाल तक को की जा रही थी लेकिन यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत किसी भी अधिकारी ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। EOW में शिकायत दर्ज होने के बाद अब जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अविनाश तिवारी राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति के एक ठाकुर समेत निरीक्षण का फर्जी निरीक्षण करने वाले सभी प्रोफेसरों की नींद हराम हो गई हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं फरियादी अरुण शर्मा ने यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अविनाश तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।