उमरिया में आदिवासी नेता बना कांग्रेस जिलाध्यक्ष कांग्रेस का यह निर्णय भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण देखिए लिस्ट

उमरिया। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 16 अगस्त को मध्यप्रदेश के सभी जिलों के लिए नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर ... .

उमरिया में आदिवासी नेता बना कांग्रेस जिलाध्यक्ष कांग्रेस का यह निर्णय भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण देखिए लिस्ट
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उमरिया। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 16 अगस्त को मध्यप्रदेश के सभी जिलों के लिए नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में उमरिया जिले से विजय कोल को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है। यह नियुक्ति इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि उमरिया के जिला बनने के बाद पहली बार किसी आदिवासी नेता को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस के इस फैसले को न केवल संगठन में सामाजिक समरसता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह कदम भाजपा के लिए भी राजनीतिक चुनौती साबित हो सकता है।

नई नियुक्ति की घोषणा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल द्वारा की गई, जिन्होंने एक साथ मध्यप्रदेश के सभी जिलों के लिए जिलाध्यक्षों की सूची जारी की। इस सूची के जारी होते ही जिले भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल बन गया है, वहीं राजनीतिक गलियारों में भी इस नियुक्ति को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं।

गौरतलब है कि विजय कोल कांग्रेस पार्टी के सक्रिय और जमीनी नेता माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली थी।

उमरिया जिले में इस बार कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान के चलते दर्जनों दावेदार जिलाध्यक्ष पद के लिए सक्रिय थे। इन नामों में कई पुराने चेहरे, वरिष्ठ नेता और युवा नेता शामिल थे, लेकिन पार्टी ने सामूहिक संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देते हुए विजय कोल पर भरोसा जताया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम आदिवासी बहुल इलाकों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की दिशा में अहम रणनीति हो सकती है। भाजपा की लगातार बढ़ती पकड़ को देखते हुए कांग्रेस का यह “आदिवासी कार्ड” आगामी स्थानीय चुनावों और विधानसभा चुनावों में असर डाल सकता है।

नई जिम्मेदारी मिलने के बाद विजय कोल ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि वे संगठन को जमीनी स्तर तक मज़बूत करने और सभी वर्गों को जोड़ने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा आदिवासी, गरीब और वंचित वर्गों की आवाज़ रही है, और वे इसी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।

हालांकि उमरिया जिले की सामाजिक संरचना पर नजर डालें तो गोड़ आदिवासी समुदाय की जनसंख्या कोल आदिवासियों की तुलना में अधिक है, लेकिन कांग्रेस ने विजय कोल को जिलाध्यक्ष बनाकर यह संकेत दिया है कि पार्टी सामाजिक विविधता को महत्व देते हुए हर समुदाय को नेतृत्व में प्रतिनिधित्व देने की नीति पर काम कर रही है।

यह फैसला केवल जनसंख्या के आधार पर नहीं, बल्कि विजय कोल की सक्रियता, जमीनी पकड़ और पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

उमरिया जिले में विजय कोल की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह, जबकि विपक्षी खेमे में हलचल का माहौल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी संगठन को सशक्त करने की इस रणनीति का राजनीतिक फायदा आने वाले समय में कितना मिलता है।

Sanjay Vishwakarma

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