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ग्वालियर में 10 दिनों में 7 लोगो हुए डिजिटल अरेस्ट

ग्वालियर शहर सायबर ठगों के निशाने पर है। शहर में पिछले 10 दिन में ठगों ने 7 लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर बंधक बनाया। इनमें आयुर्वेदिक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 21 लाख की ठगी ...

Vikas Gupta

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ग्वालियर में 10 दिनों में 7 लोगो हुए डिजिटल अरेस्ट

ग्वालियर शहर सायबर ठगों के निशाने पर है। शहर में पिछले 10 दिन में ठगों ने 7 लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर बंधक बनाया। इनमें आयुर्वेदिक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 21 लाख की ठगी की हुई। इसके बाद भी डिजिटल अरेस्ट के मामले तेज़ी से बढ़ गए हैं। खास बात ये है कि… डिजिटल अरेस्ट के शिकार पढ़े लिखे लोग हो रहे है। इन हालातों में पुलिस बार-बार एडवाजरी में जारी कर रही है।

ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ रहे है। आइए एक नज़र डालते हैं, ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट के ताज़ा मामलों पर ..।

RNVLive
  1. ग्वालियर में आयुर्वेदिक डॉक्टर मुकेश शुक्ला को 29 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया। उसके साथ 21 लाख रुपए की ठगी करी गई।
  2. ग्वालियर के कारोबारी जसपाल आहूजा ओर उनकी पत्नी अमरजीत को डिजिटल अरेस्ट किया गया।
  3. ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को शातिर ठगों ने वॉइस और वीडियो कॉल के जरिए 3.5 घंटे तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा। मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाकर 50,000 रुपये की मांग की।
  4. ग्वालियर में 71 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक आशा भटनागर ने ठगों डिजिटल अरेस्ट किया। ठगों ने 51 लाख रुपये अपने दो खातों में ट्रांसफर करा लिए थे।
  5. ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन डॉ. शैला सप्रे के पति के साथ ठगी के प्रयास का है। ठगों ने उन्हें मोबाइल नंबर व आधार का गलत उपयोग होने की बात कहकर डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया था। लेकिन पूर्व डीन ने पास ही रहने वाले एक डीएसपी को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने उनको ठगी होने से बचा लिया।
  6.  ग्वालियर में मेडिकल व्यवसायी प्रकाश प्रभाकर करीब डेढ़ घंटे तक डिजिटल अरेस्ट भी रखा। उनके नंबर का उपयोग गैरकानूनी काम में होने और मनी लॉन्ड्रिंग में यूज होने की बात कही

बीते 10 दिन में डिजिटल अरेस्ट में मामलों पर गौर करें तो किसी को 29 घंटे तो, किसी 16 घंटे…. तो किसी को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रखे जाने की घटना सामने आई है। ठगों ने ट्राई और सीबीआई, IPS अधिकारी बनकर उनको कॉल किया। मनी लॉन्ड्रिंग ओर साइबर फ्रॉड में यूज करना बताते हुए डराया। साथ ही वॉट्सएप पर गिरफ्तारी वारंट के साथ फर्जी नोटिस भी भेज दिया। खास बात ये है… ये वो केस है, जिसमें डिजिटल अरेस्ट का शिकार लोग पढ़े लिखे है…. कई डॉक्टर है। डिजिटल अरेस्ट के शिकार डॉ विनोद दोनेरिया बताते है….. उनकी बातें ऐसी होती है, कोई भी उसमें सम्होति हो जाता है। वहीं पुलिस के अलाधिकारी कह रहे है… हम लोगों को जागरूक कर रहे है।

बहरहाल साइबर अपराध पिछले तीन-चार वर्षों में बड़ी समस्या बन चुका है। भय, लालच ओर अज्ञानतावश बड़ी संख्या में लोग इसका शिकार हो रहे हैं। ठगी के शिकार लोगों की फेहरिस्त में उद्यमी-कारोबारी, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी से लेकर सरकारी कर्मचारी, पुलिस महकमे के लोग, डॉक्टर और बैंक अधिकारी तक हैं। साइबर ठग किसी को नहीं छोड़ रहे हैं।

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