ठंड के मौसम में आप कान का ख़ास ख्याल रखें नही तो आप बीमारियों से घिर सकते हैं, ग्वालियर चंबल के सरकारी अस्पतालों में बीते एक सप्ताह में 6292 मरीज़ कान की समस्या लेकर पहुंचे हैं। डॉक्टर का कहना है कि सर्द हवाओं में कान न ढंकने से पर्दे में खिंचाव, सूजन,कम सुनाई देने सहित अन्य परेशानियां हो सकती है।
ग्वालियर चम्बल अंचल में कड़ाके की सर्दी में लापरवाही बरतने से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, इन सर्द हवाओं के बीच खुले सिर गाड़ी चलाना, कान ना ढककर चलने से कान का संक्रमण बढ़ गया है। ग्वालियर चंबल अंचल के सरकारी अस्पतालों में बीते एक सप्ताह में 6292 मरीज़ कानों की दिक्कतों को लेकर पहुंचे हैं। यहां आने वाले मरीजों को कानों में तेज दर्द, कम सुनाई देना, कानों में सूजन, पर्दे में झनझनाहट, कानों में इको साउंड सुनाई देने की समस्या लेकर पहुंचे हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि कड़की की सर्दी के दौरान कान का सबसे ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है। कान के अंदर ज्यादा देर तक ठंडी हवाओं के जाने से पर्दे में सूजन आना, पर्दे में खिंचाव-तनाव होना, सहित अन्य परेशानियां खड़ी हो जाती है। इसके साथ ही ठंडी हवा के दौरान कानों में इयरबड्स लगाकर रखने से भी पर्दे को नुकसान होने के साथ तेज सिर दर्द की शिकायत भी हो रही है।
कान की सुरक्षा के लिए ठंड के दौरान इन सावधानियो पर ध्यान दें..
- ठंड में बाइक चलाते समय कान को ढक कर रखें।
- शीत लहर में घर से कानों को ढक कर निकले
- कानों में हल्का दर्द होने पर गर्म कपड़े से सिकाई करें
- ठंड में लंबे समय तक कानों में इयरबड्स लगा कर ना रखें।
- सर्दी के मौसम में ठंडा पानी से सिर और कान नही धोना चाहिए
- कानों में तेज दर्द हो तो विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं