नाबालिगों के हाथ में ई-रिक्शा की कमान, सड़क पर मौत का खेल प्रशासन खामोश

पाली शहर की सड़कों पर रोजाना एक खतरनाक खेल खेला जा रहा है। ई-रिक्शा की स्टेयरिंग पर बैठा चालक कई ... .

---Advertisement---

पाली शहर की सड़कों पर रोजाना एक खतरनाक खेल खेला जा रहा है। ई-रिक्शा की स्टेयरिंग पर बैठा चालक कई बार नाबालिग होता है, जिसके पास न तो लाइसेंस है और न ही अनुभव। तेज रफ्तार, अचानक ब्रेक और बेपरवाह मोड़ इन सबके बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए ये वाहन खुलेआम दौड़ रहे हैं।

स्कूली बच्चों की जान खतरे में

ई-रिक्शा की यह लापरवाह सवारी लोगों की जान जोखिम में डाल रही है। छोटे बच्चों को स्कूल लाना-ले जाना, सवारियों को बेतरतीब चढ़ाना-उतारना और सड़क के बीचों-बीच गाड़ी रोक देना आम बात हो गई है। तीस किलोमीटर की गति सीमा वाले इस हल्के वाहन को कई चालक ऐसे भगाते हैं मानो रेस जीतनी हो। हल्के वजन और खराब सड़कों पर थोड़ी सी चूक वाहन पलटने का कारण बन जाती है। 

क्षमता से अधिक सवारी और माल ढुलाई

कमाई के लालच में कई चालक पीछे चार की जगह छह यात्री, आगे दो से तीन लोग बैठा लेते हैं। इतना ही नहीं, सब्जियों के बोरे, इलेक्ट्रॉनिक सामान और भारी-भरकम गट्ठर भी ढोए जाते हैं। ओवरलोड होने से पलटने और टकराने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

ट्रैफिक नियम दोहरे क्यों?

दो पहिया वाहनों पर हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस फुर्ती दिखाती है, लेकिन ई-रिक्शा पर मानो किसी की नज़र ही नहीं जाती। नाबालिग चालकों को देखना कोई मुश्किल काम नहीं, फिर भी जांच नाम मात्र की होती है। मोटर व्हीकल एक्ट साफ कहता है कि 18 साल से कम उम्र का कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर वाहन नहीं चला सकता, लेकिन यहां तो कानून किताबों तक ही सीमित है।

कब जागेगा प्रशासन?

पाली नगर के बस स्टैंड से लेकर प्रकाश चौक होते हुए पाली प्रोजेक्ट और विद्युत मंडल कॉलोनी तक नाबालिक चालकों का तांडव देखा जा सकता है।ई रिक्शा में जहां ज्यादातर चालक नाबालिग हैं। सवाल ये है कि क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है? क्या सड़क पर लोगों की जान से खिलवाड़ रोकना तभी होगा जब हालात हाथ से निकल जाएंगे?

जिला परिवहन अधिकारी रमा दुबे का कहना है कि ऐसे चालकों के खिलाफ कार्रवाई होती रही है और आगे भी होगी। उनका दावा है कि नाबालिग को वाहन चलाते पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई तय है और किसी को भी नियम-कानून तोड़ने की छूट नहीं दी जाएगी

लेकिन सवाल यह है कि अगर कार्रवाई सच में इतनी सख्त और लगातार हो रही है, तो फिर शहर की सड़कों पर नाबालिग चालकों की भरमार क्यों है? क्या यह कार्रवाई सिर्फ कागजों में हो रही है या फिर सड़क पर भी इसका असर दिखेगा?

वही इस मामले में जब पाली नगर निरीक्षक राजेश चंद्र मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बीती शाम को ऐसे तमाम नाबालिक ई रिक्शा चालकों को हिदायत दी गई है। यदि आगे भी उनके द्वारा ई रिक्शा का चालन ऐसे ही किया जाता रहा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Sanjay Vishwakarma

"खबर वह है जिसे कोई दबाना चाहे, बाकी सब विज्ञापन है।" आम आदमी की आवाज़ को ताक़त देना ही हमारा उद्देश्य है। अगर आपके आसपास भ्रष्टाचार, अपराध, शोषण या कोई अन्य महत्वपूर्ण घटना हो रही है, तो हमें तुरंत कॉल करें या वीडियो/फोटो भेजें। हमारा नंबर है 09425184353। आपकी पहचान और नाम पूरी तरह गोपनीय रखे जाएंगे। आपकी दी गई सूचना बदलाव की शुरुआत बन सकती है।

Follow Us On